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पुतिन ने जापान-रूस शांति संधि वार्ता फिर से शुरू करने की शर्त के तौर पर रखी यूक्रेन को समर्थन रोकने की मांग
- लेखन भाषा: कोरियाई
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आधार देश: जापान
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जापान के साथ शांति संधि वार्ता फिर से शुरू करने की शर्त के तौर पर यूक्रेन को समर्थन बंद करने की मांग की है।
पुतिन ने 5 दिन पहले सेंट पीटर्सबर्ग में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि "जापान के साथ शांति संधि के लिए वार्ता फिर से शुरू करने की शर्तें पूरी नहीं हुई हैं।"
उन्होंने कठोर रुख अपनाते हुए कहा, "यदि जापान यूक्रेन को समर्थन देने के अपने रुख में बदलाव करता है, तो वार्ता संभव है।" साथ ही, पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण के संबंध में कहा, "मुझे नहीं पता कि पश्चिमी देशों को यह विश्वास कैसे है कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा।" उन्होंने संकेत दिया कि यदि रूस की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा होता है, तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि वह अमेरिका समेत अन्य देशों को अपने दायरे में रखने वाले पारंपरिक मिसाइलों की तैनाती पर विचार कर रहे हैं। जापान और रूस द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से शांति संधि पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए हैं और कुरील द्वीपसमूह के स्वामित्व को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है।
यह बयान इस बात का संकेत है कि रूस यूक्रेन पर आक्रमण के बाद जापान पर सैन्य दबाव बढ़ा रहा है। जापान सरकार ने पुतिन के बयान की निंदा करते हुए कहा कि "यूक्रेन पर रूस का आक्रमण अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है" और उसने यूक्रेन को समर्थन जारी रखने की बात कही है।
पुतिन का बयान जापान और रूस के संबंधों में आगे तनाव पैदा करने की आशंका है।